मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांगजनों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों में एक-एक वृद्धाश्रम खोला जाएगा। यह घोषणा मुख्यमंत्री आवास में आयोजित मुख्य सेवक संवाद कार्यक्रम के दौरान की गई।
हमारे संवाददाता की रिपोर्ट के अनुसार, इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों से सीधे संवाद करते हुए उनकी समस्याओं और आवश्यकताओं को समझने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाएँ तभी सफल होंगी जब उनका लाभ ईमानदारी और पारदर्शिता से जमीनी स्तर तक पहुँचे।
कल्याण योजनाओं की प्रमुख घोषणाएँ

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कई महत्वपूर्ण निर्णयों की घोषणा की—
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दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन अनुदान राशि ₹25,000 से बढ़ाकर ₹50,000 की जाएगी।
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कक्षा 1 से 8 तक की दिव्यांग छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए आय सीमा समाप्त की जाएगी।
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प्रदेश के लगभग 6 लाख वरिष्ठ नागरिकों को पेंशन की राशि सीधे डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खातों में भेजी जाएगी।
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दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना और राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के लिए सॉफ्टवेयर का लोकार्पण किया गया।
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समाज कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत पेंशन की पाँचवीं किश्त का ऑनलाइन भुगतान किया गया।
दिव्यांग जनों के लिए सशक्त कदम
मुख्यमंत्री ने बताया कि—
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18 वर्ष से अधिक आयु के 86 हज़ार दिव्यांगजनों को प्रतिमाह ₹1500 की पेंशन दी जा रही है।
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18 वर्ष से कम आयु के 8 हज़ार दिव्यांग बच्चों को प्रतिमाह ₹700 की आर्थिक सहायता दी जा रही है।
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कृषि कार्य के दौरान दिव्यांग हुए व्यक्तियों एवं 4 फुट से कम ऊँचाई वाले व्यक्तियों को प्रतिमाह ₹1200 की पेंशन दी जा रही है।
हमारे संवाददाता ने जोड़ा कि योजनाओं का लाभ अब पात्र लाभार्थियों को पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी से मिलेगा।
वरिष्ठ नागरिकों की गरिमा और अधिकार
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों में वृद्धाश्रम स्थापित किए जाएंगे। वर्तमान में बागेश्वर, चमोली और उत्तरकाशी में राजकीय वृद्धाश्रम संचालित हो रहे हैं, जबकि देहरादून, अल्मोड़ा और चम्पावत में नए भवन निर्माणाधीन हैं। इसके अलावा, हरिद्वार, उधमसिंह नगर और नैनीताल में गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा संचालित वृद्धाश्रम भी कार्यरत हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य में माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण अधिनियम लागू है, जिसके अंतर्गत बुजुर्ग अपने बच्चों या उत्तराधिकारियों से भरण-पोषण की कानूनी मांग कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने वरिष्ठजनों को आश्वस्त किया कि “आपका यह बेटा आपके सम्मान, सुरक्षा और सुविधाओं में कोई कमी नहीं आने देगा।”
प्रधानमंत्री की प्रेरणा से कल्याण
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में दिव्यांगजनों एवं वरिष्ठ नागरिकों के लिए सशक्तिकरण की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने ही “विकलांग” की जगह “दिव्यांग” शब्द को अपनाकर उनमें आत्मसम्मान का संचार किया।
उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016, सुगम्य भारत अभियान और विभिन्न छात्रवृत्ति व पेंशन योजनाएँ इसी दिशा में मील का पत्थर हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार भी प्रधानमंत्री की प्रेरणा से निरंतर वरिष्ठजनों और दिव्यांगजनों के जीवन को आसान और सम्मानजनक बनाने के लिए कार्य कर रही है।
कार्यक्रम में उपस्थित रहे नेता और अधिकारी
मुख्यमंत्री के साथ कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक खजानदास और सविता कपूर, मेयर सौरभ थपलियाल, वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद के उपाध्यक्ष नवीन वर्मा, समाज कल्याण विभाग के सचिव श्रीधर बाबू अदह्यांकी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।