मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार पूरे समर्पण और निष्ठा के साथ महिला सशक्तिकरण के लिए कार्य करती रहेगी। उन्होंने यह बात सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी सभागार में आयोजित राज्य स्त्री शक्ति, तीलू रौतेली एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पुरस्कार वितरण समारोह में कही।
हमारे संवाददाता की रिपोर्ट के अनुसार, इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली १३ महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार और ३३ आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को उत्कृष्ट सेवा कार्य सम्मान प्रदान किया।
वीरांगना तीलू रौतेली को नमन
मुख्यमंत्री धामी ने वीरांगना तीलू रौतेली को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने मात्र १५ वर्ष की आयु में अपने रण कौशल से विरोधियों को परास्त किया। उन्होंने कहा कि “उत्तराखंड की झांसी की रानी कहना तीलू रौतेली के लिए अतिशयोक्ति नहीं होगी।”
प्रधानमंत्री की प्रेरणा से महिला सशक्तिकरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी “नारी तू नारायणी” मंत्र के साथ मातृशक्ति के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान, उज्ज्वला योजना, लखपति दीदी योजना, ट्रिपल तलाक उन्मूलन और संसद-विधानसभाओं में ३३ प्रतिशत आरक्षण जैसे निर्णयों का उल्लेख किया।
राज्य सरकार की पहलें
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने भी महिलाओं के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं—
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सरकारी सेवाओं में ३० प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया है।
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महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए देश में सर्वप्रथम समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू की गई है।
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महिला स्वयं सहायता समूहों को ५ लाख रुपये तक का ब्याज-मुक्त ऋण प्रदान किया जा रहा है।
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तीलू रौतेली पुरस्कार राशि ₹३१,००० से बढ़ाकर ₹५१,००० और आंगनवाड़ी पुरस्कार राशि ₹२१,००० से बढ़ाकर ₹५१,००० कर दी गई है।
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आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों का मानदेय ₹७,५०० से बढ़ाकर ₹९,३००, मिनी आंगनवाड़ी का ₹४,५०० से बढ़ाकर ₹६,२५० और सहायिकाओं का ₹३,५५० से बढ़ाकर ₹५,२५० किया गया है।
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आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को सुपरवाइज़र पद पर पदोन्नति देने का भी प्रावधान किया गया है।
हमारे संवाददाता ने जोड़ा कि मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार आगे भी महिलाओं के अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ काम करती रहेगी।
आंगनवाड़ी केंद्रों की अहमियत
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि बच्चों के शुरुआती विकास में आंगनवाड़ी केंद्रों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने बताया कि उनके अपने बच्चों ने भी प्रारंभिक शिक्षा और संस्कार आंगनवाड़ी केंद्र से ही प्राप्त किए।
महिला समूहों की ताकत
मुख्यमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए जा रहे हाउस ऑफ हिमालयाज के उत्पादों की सराहना की और कहा कि ये उत्पाद अब बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भी टक्कर दे रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के उस कथन को भी दोहराया जिसमें कहा गया था कि “२१वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड के नाम होगा, और इस क्रांति में महिला समूहों की अहम भूमिका होगी।”
आपदा और राहत कार्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम पहले ८ अगस्त को होना था, लेकिन आपदा के कारण टल गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश आपदाओं से जूझ रहा है और राज्य सरकार केंद्र के सहयोग से आपदा प्रभावितों तक हर संभव सहायता पहुँचा रही है।
नेताओं और अधिकारियों की मौजूदगी
इस अवसर पर विभागीय मंत्री रेखा आर्य, विधायक खजान दास, सचिव चंद्रेश कुमार, निदेशक बंशीलाल राणा सहित बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित रहीं।
तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित महिलाएं
प्रदेश के १३ जिलों से चयनित महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार मिला। इनमें शामिल हैं:
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अल्मोड़ा से मीता उपाध्याय
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बागेश्वर से अलीशा मनराल
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चमोली से सुरभि
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चम्पावत से अनामिका बिष्ट
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देहरादून से शिवानी गुप्ता
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हरिद्वार से रूमा देवी
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नैनीताल से नैना
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पौड़ी गढ़वाल से रोशमा देवी
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पिथौरागढ़ से रेखा भट्ट
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रुद्रप्रयाग से हेमा नेगी करासी
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टिहरी गढ़वाल से साक्षी चौहान
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ऊधमसिंह नगर से रेखा
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उत्तरकाशी से विजयलक्ष्मी जोशी

























