मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को वर्चुअल माध्यम से अल्मोड़ा के माँ नंदा देवी मेला 2025 का शुभारंभ किया। उन्होंने अल्मोड़ा वासियों सहित प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मेला हमारी आस्था और परंपरा का प्रतीक ही नहीं, बल्कि आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक सशक्तिकरण का मंच भी है। उन्होंने घोषणा की कि माँ नंदा राजजात यात्रा 2026 को दिव्य और भव्य रूप से मनाने की तैयारियाँ शुरू हो चुकी हैं।
धार्मिक और सांस्कृतिक परियोजनाएँ
मुख्यमंत्री ने बताया कि मानसखण्ड पर्वत माला मिशन के अंतर्गत जागेश्वर धाम के सौंदर्यीकरण हेतु प्रथम चरण में 146 करोड़ की स्वीकृति दी गई है और दूसरे चरण की भी मंजूरी मिल चुकी है। माँ नंदा देवी मंदिर का पुनर्निर्माण पारंपरिक पर्वतीय शैली में किया जाएगा। डीनापानी में नंदा देवी हस्तशिल्प ग्राम स्थापित किया जाएगा, जहाँ स्थानीय ताम्र शिल्प, ऐपण कला, काष्ठशिल्प और महिला उद्यमियों के उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा और उन्हें राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ा जाएगा।
स्वास्थ्य क्षेत्र में विकास
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अल्मोड़ा में 50 बेड का क्रिटिकल केयर ब्लॉक स्थापित किया जाएगा। लगभग 5 करोड़ की लागत से महिला चिकित्सालय का उन्नयन किया जा रहा है। बेस अस्पताल का नया भवन निर्माणाधीन है। सोमेश्वर में 100 बेड के उपजिला चिकित्सालय का निर्माण हो रहा है, जिसके पहले चरण में 50 बेड तैयार किए जा रहे हैं।
सड़क और परिवहन अवसंरचना
पिछले तीन वर्षों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत अल्मोड़ा जनपद में 248 किमी ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया गया है। अल्मोड़ा–बागेश्वर सड़क चौड़ीकरण परियोजना को 922 करोड़ की स्वीकृति दी गई है, जबकि अल्मोड़ा–पौड़ी–रुद्रप्रयाग सड़क निर्माण लगभग 400 करोड़ की लागत से कराया जा रहा है।
पर्यटन और आवागमन को बढ़ावा देने के लिए उड़ान योजना के अंतर्गत अल्मोड़ा में हेली सेवाएँ शुरू की गई हैं। डोल आश्रम के पास चौखुटिया में हेलीपैड का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा 25 से अधिक स्थानों पर पार्किंग निर्माण कार्य जारी है।
सिंचाई और पेयजल योजनाएँ
सदी महर गाँव में 12 करोड़ से अधिक की लागत से लिफ्ट पंपिंग योजना कार्यान्वित हो रही है। जनपद में अन्य सिंचाई और पेयजल योजनाएँ भी प्रगति पर हैं, जिससे किसानों और ग्रामीणों को लाभ मिलेगा।
स्थानीय अर्थव्यवस्था और आजीविका
मुख्यमंत्री ने कहा कि पलायन रोकने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं। एक जनपद, दो उत्पाद योजना, स्टेट मिलेट मिशन, एप्पल मिशन, फार्म मशीनरी बैंक, नई पर्यटन नीति, नई फिल्म नीति, होम स्टे और Wed in Uttarakhand जैसी योजनाओं से स्थानीय लोगों को आजीविका के अवसर मिल रहे हैं। हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड ने स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए मंत्र “स्वदेशी अपनाओ, देश को मजबूत बनाओ” को आत्मसात करने का आह्वान किया और कहा कि स्थानीय उत्पादों को अपनाने से न केवल राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी बल्कि छोटे उद्यमियों, कारीगरों और महिला समूहों को भी आत्मनिर्भरता मिलेगी।
शासन और क़ानून व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने लैंड जिहाद, धर्मांतरण और दंगा फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की है। 6,500 एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को मुक्त कराया गया है। 250 से अधिक अवैध मदरसों को सील किया गया है और 500 से अधिक अवैध संरचनाएँ हटाई गई हैं। उन्होंने घोषणा की कि प्रदेश में मदरसा बोर्ड समाप्त किया जाएगा और 1 जुलाई 2026 के बाद वे मदरसे बंद कर दिए जाएँगे जिनमें सरकारी पाठ्यक्रम लागू नहीं है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में सख्त धर्मांतरण विरोधी और दंगा विरोधी कानून लागू किए गए हैं। किसानों की जमीन की सुरक्षा के लिए पहली बार सख्त भू-कानून भी लागू किया गया है ताकि भूमाफिया किसानों की भूमि हड़प न सकें।
सामाजिक कल्याण
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि नशा मुक्त उत्तराखंड के लक्ष्य को साकार करने के लिए अल्मोड़ा में नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना की गई है। साथ ही, मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना के तहत महिला उद्यमियों को डीनापानी के हस्तशिल्प ग्राम में अपने उत्पाद प्रदर्शित करने और बढ़ावा देने का अवसर मिलेगा।

























