प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार से मिजोरम, मणिपुर और असम के दो दिवसीय दौरे पर रवाना हो रहे हैं। इस दौरान वे कई बड़े बुनियादी ढांचा प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन करेंगे और नई योजनाओं की नींव रखेंगे। यह दौरा पूर्वोत्तर के विकास और समावेशी प्रगति को लेकर केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
दौरे से पहले प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर अपनी योजनाएं साझा कीं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार मणिपुर सहित पूरे पूर्वोत्तर के “समावेशी और सर्वांगीण विकास” के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि १३ सितम्बर को चुराचांदपुर और इम्फाल में वे राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं, महिला छात्रावासों और अन्य योजनाओं की नींव रखेंगे। इसके साथ ही मणिपुर के मंत्रिपुखरी में सिविल सचिवालय, नया पुलिस मुख्यालय, आईटी स्पेशल इकोनॉमिक जोन बिल्डिंग और कई जिलों में अनोखे ऑल-वूमेन्स मार्केट का उद्घाटन करेंगे।
दौरे की शुरुआत मिजोरम की राजधानी आइजोल से होगी। यहां प्रधानमंत्री ५१.३८ किलोमीटर बैराबी–सैरांग रेल लाइन का उद्घाटन करेंगे। इस परियोजना के पूरा होने के साथ आइजोल चौथा पूर्वोत्तर राज्य की राजधानी बन जाएगा जो रेल नेटवर्क से जुड़ा होगा। इससे पहले गुवाहाटी, अगरतला और ईटानगर रेल से जुड़े हैं। मोदी ने लिखा, “यह दौरा बहुत खास है क्योंकि पहली बार आइजोल को रेल नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है। यह लाइन बेहद कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में बनाई गई है और इसमें कई बड़े व छोटे पुल शामिल हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह रेल संपर्क मिजोरम और पूरे पूर्वोत्तर में व्यापार और पर्यटन को नई दिशा देगा। इस दौरान वे प्रमुख सड़क परियोजनाओं और खेल ढांचे का भी उद्घाटन करेंगे। योजनाओं में खेलो इंडिया मल्टीपरपज़ इंडोर हॉल, कौर्थाह में एक आवासीय विद्यालय और त्लांगनुआम में एक एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय शामिल हैं।
हमारे संवाददाता बताते हैं कि प्रधानमंत्री, कई केंद्रीय मंत्रियों के साथ, आइजोल से तीन नई रेल सेवाओं को भी हरी झंडी दिखाएंगे। इनमें शामिल हैं—सैरांग–आनंद विहार (दिल्ली) राजधानी एक्सप्रेस (साप्ताहिक), कोलकाता–सैरांग एक्सप्रेस (सप्ताह में तीन दिन) और गुवाहाटी–सैरांग एक्सप्रेस (दैनिक)। इन सेवाओं से पूर्वोत्तर की कनेक्टिविटी देश के बड़े शहरों से और मजबूत होगी।
आइजोल से प्रधानमंत्री मणिपुर जाएंगे। मई २०२३ में भड़की जातीय हिंसा के बाद यह उनका पहला दौरा होगा। हमारे संवाददाता जोड़ते हैं कि चुराचांदपुर और इम्फाल में वे प्रभावित परिवारों से मिलेंगे और उन्हें केंद्र की ओर से शांति और पुनर्वास के प्रति प्रतिबद्धता का आश्वासन देंगे। यहां वे सार्वजनिक सभाओं को भी संबोधित करेंगे और कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।
दौरे का अंतिम चरण असम में होगा। प्रधानमंत्री १३ सितम्बर की शाम गुवाहाटी पहुंचेंगे, जहां वे भारत रत्न भूपेन हजारिका की जन्मशताब्दी समारोह में शामिल होंगे। मोदी ने लिखा, “भूपेन हजारिका जी का योगदान असमिया संगीत और साहित्य ही नहीं, पूरे भारतीय सांस्कृतिक परंपरा के लिए अमूल्य है। उनकी रचनाएं आज भी पीढ़ियों को प्रेरित करती हैं।”
१४ सितम्बर को प्रधानमंत्री असम में ₹१९,००० करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। हमारे संवाददाता बताते हैं कि इनमें सड़क, पुल, बिजली परियोजनाएं और शिक्षा से जुड़ी कई योजनाएं शामिल होंगी। इसे राज्य की विकास गति को तेज करने वाला कदम माना जा रहा है।
हमारे संवाददाता जोड़ते हैं कि मोदी का यह पूर्वोत्तर दौरा केवल बुनियादी ढांचा विकास का संदेश नहीं देता बल्कि सांस्कृतिक एकता और स्थानीय परंपराओं के प्रति सम्मान का भी प्रतीक है। इससे यह स्पष्ट है कि केंद्र सरकार क्षेत्र को राष्ट्रीय मुख्यधारा से जोड़ने और इसकी विशिष्ट पहचान को संरक्षित करने के लिए समान रूप से प्रतिबद्ध है।