उत्तराखण्ड सरकार ने राज्य की पुलिस, अग्निशमन और वन सेवाओं में समूह ‘ग’ की भर्तियों में सेवानिवृत्त अग्निवीरों को १० प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने का निर्णय लिया है। हमारे संवाददाता बताते हैं कि यह कदम अग्निवीरों की सेवाओं को सम्मान देने और उन्हें सेवा के बाद रोजगार उपलब्ध कराने के लिए उठाया गया है।
युवाओं को अवसर
हमारे संवाददाता जोड़ते हैं कि यह आरक्षण सभी भर्ती अभियानों में समान रूप से लागू होगा। सरकार ने इसके लिए विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह नीति उन युवाओं के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाती है जिन्होंने समर्पण के साथ राष्ट्र सेवा की है। उन्होंने कहा कि इस कदम से पुलिस और सुरक्षा सेवाओं को भी अनुशासित और प्रशिक्षित बल मिलेगा।
पृष्ठभूमि
अग्निपथ योजना वर्ष २०२२ में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई थी। इसके अंतर्गत युवा पुरुष और महिलाएँ चार वर्ष तक अग्निवीर के रूप में सेना में सेवा करते हैं। इसके बाद कुछ को स्थायी सेवा में लिया जाता है और अन्य को नागरिक क्षेत्र में रोजगार के अवसरों के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।