मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में भाग लेकर उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन के दौरान हुए खटीमा गोलीकांड के शहीदों को नमन किया। हमारे संवाददाता के अनुसार, मुख्यमंत्री ने भगवान सिंह सिरौला, प्रताप सिंह, रामपाल, सलीम अहमद, गोपीचंद, धर्मानन्द भट्ट और परमजीत सिंह की स्मृति में श्रद्धासुमन अर्पित किये।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि खटीमा की यह घटना पूरे आंदोलनकारियों के लिए प्रेरणा बनी और हर नागरिक उन वीर सपूतों का सदैव ऋणी रहेगा। उन्होंने कहा, “हम सब मिलकर उनके सपनों का उत्तराखण्ड बनाएँ, यही इन शहीदों के लिए सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी।”

आंदोलनकारियों के लिए कल्याणकारी कदम
हमारे संवाददाता जोड़ते हैं कि राज्य सरकार आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के लिए कई योजनाएँ चला रही है:
-
सरकारी नौकरियों में १० प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण।
-
मासिक पेंशन: शहीद परिवारों को ३,००० रुपये, घायल अथवा जेल गए आंदोलनकारियों को ६,००० रुपये, सक्रिय आंदोलनकारियों को ४,५०० रुपये।
-
नए प्रावधानों के तहत विधवा, परित्यक्ता और तलाकशुदा पुत्रियों को भी लाभ।
-
९३ आंदोलनकारियों को राजकीय सेवा में नियुक्ति।
-
आंदोलनकारियों को सरकारी बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा।
नारी शक्ति की भूमिका
हमारे संवाददाता के अनुसार, मुख्यमंत्री ने राज्य आंदोलन में महिलाओं की अहम भागीदारी को याद करते हुए कहा कि महिलाओं के लिए सरकारी सेवाओं में ३० प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया गया है।
ऐतिहासिक नीतिगत निर्णय
मुख्यमंत्री ने समान नागरिक संहिता लागू करने, नकल विरोधी कानून, जिससे २४ हज़ार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिली, धर्मांतरण तथा दंगा विरोधी कानून और ७ हज़ार एकड़ भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने जैसे कदमों का उल्लेख किया।
हिमालय बचाओ अभियान
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने हिमालय बचाओ अभियान की शपथ दिलाई और कहा कि हिमालय की रक्षा करना सबकी साझा जिम्मेदारी है।
बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति
कार्यक्रम में सांसद अजय भट्ट, विधायक भुवन कापड़ी, वरिष्ठ अधिकारी, अनेक जनप्रतिनिधि, आंदोलनकारी और नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।