उत्तराखण्ड में इस वर्ष का मानसून अब तक के सबसे भीषण रूपों में देखा जा रहा है। राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन आकलन के अनुसार, अब तक लगभग ₹३,००० करोड़ का नुक़सान दर्ज किया गया है। हमारे संवाददाता के अनुसार, २४ घंटे में राज्य में ३६९% अधिक वर्षा हुई, जिसके कारण कई जगह बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ जैसी घटनाएं हुईं। पिछले एक दिन में ही ४ लोगों की मौत हो चुकी है। कुल मिलाकर मानसून शुरू होने से अब तक ७५ लोग मारे गए, १०७ घायल हुए और ९५ लापता हैं।
नुक़सान का सरकारी आकलन
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार विभागवार नुक़सान इस प्रकार है—
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लोक निर्माण विभाग (PWD): ₹५५४ करोड़
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ऊर्जा विभाग: ₹४४८ करोड़
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सिंचाई विभाग: ₹४४५ करोड़
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प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY): ₹४१५ करोड़
अब तक लगभग २,००० मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं और १९३ हेक्टेयर कृषि भूमि पूरी तरह बर्बाद हो गई है। हमारे संवाददाता ने जोड़ा कि दुर्गम क्षेत्रों से और रिपोर्ट आने के बाद यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।
अलकनन्दा नदी और धारी देवी मंदिर
इस दौरान, भारी वर्षा के बीच अलकनन्दा नदी का जलस्तर बढ़कर धारी देवी मंदिर के मंच तक पहुँच गया है। स्थानीय लोगों और विशेषज्ञों ने इसे चिन्ताजनक बताया है, क्योंकि ऐसा २०१३ की आपदा से पहले देखा गया था।
प्रशासन अलर्ट पर
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारियों को प्रभावित इलाकों में त्वरित राहत और पुनर्वास कार्य चलाने के निर्देश दिए हैं। आपदा राहत टीमें और SDRF/NDRF संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात की गई हैं।