भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने उत्तराखंड के कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसमें देहरादून, नैनीताल, चंपावत, चमोली और ऊधम सिंह नगर शामिल हैं। विभाग ने चेतावनी दी है कि इन जिलों में आज दिनभर कई दौर की भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।
सावधानी के तौर पर चमोली, चंपावत, नैनीताल और दो अन्य जिलों में आज सभी स्कूलों को बंद रखने का निर्णय लिया गया है। वहीं, प्रदेश के शेष जिलों में यलो अलर्ट घोषित किया गया है।
मौसम विज्ञानी रोहित थपलियाल के अनुसार लगातार बारिश से प्रदेश का तापमान सामान्य से नीचे चला गया है। उन्होंने बताया कि अगले कुछ दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है।
स्कूल बंद, सुरक्षा को दी प्राथमिकता
भारी बारिश और बिगड़ते हालात को देखते हुए जिला प्रशासन ने प्रभावित जिलों में स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी है। प्रशासन का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है, क्योंकि पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश के दौरान आवागमन बेहद कठिन और खतरनाक हो जाता है।
४८६ सड़कें बंद
लगातार बारिश और मलबा आने से राज्यभर में ४८६ सड़कें बंद हो चुकी हैं। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अनुसार इनमें शामिल हैं:
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८ राष्ट्रीय राजमार्ग
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३५ राज्य मार्ग
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२१ मुख्य जिला मार्ग
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८ अन्य जिला मार्ग
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१२७ ग्रामीण मार्ग
जिलेवार स्थिति इस प्रकार है:
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पौड़ी – ६७
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टिहरी – ३४
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चमोली – ५९
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रुद्रप्रयाग – ५१
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उत्तरकाशी – ६३
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देहरादून – ३५
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हरिद्वार – ९
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पिथौरागढ़ – ४८
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चंपावत – १२
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अल्मोड़ा – ६३
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बागेश्वर – १५
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नैनीताल – २८
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ऊधम सिंह नगर – २
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों का कहना है कि सड़कें खोलने का कार्य जारी है, लेकिन लगातार बारिश और नए भूस्खलनों के कारण मुश्किलें बढ़ रही हैं।
यात्रा और सुरक्षा पर असर
सड़कों के अवरुद्ध होने से स्थानीय लोगों की आवाजाही प्रभावित हुई है, साथ ही पर्यटन और चारधाम यात्रा पर भी असर पड़ा है। कई मार्गों पर मलबा जमा होने से यात्री फँस गए हैं।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और अलर्ट जारी जिलों में विशेष सतर्कता बरतें। आपदा प्रबंधन दलों को चौकन्ना रहने और किसी भी स्थिति में तुरंत राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
आने वाले दिनों का पूर्वानुमान
आईएमडी के अनुसार अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश जारी रहने की संभावना है। राज्य सरकार ने सभी जिलों के अधिकारियों को अलर्ट पर रहने और राहत शिविर, आपातकालीन सेवाएँ तथा स्वास्थ्य सुविधाएँ तैयार रखने के निर्देश दिए हैं।