उत्तराखण्ड के लिए विशेष महत्व रखते हुए PM मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी बातचीत की शुरुआत कैलाश मानसरोवर यात्रा के पुनः आरंभ और पर्यटक वीज़ा की सुविधा बढ़ाने पर चर्चा से की। एक सरकारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, दोनों नेताओं ने प्रत्यक्ष हवाई सेवाओं और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से जन-जन के रिश्ते मजबूत करने पर बल दिया।
एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान बैठक
यह बैठक ३१ अगस्त को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान तियानजिन में हुई। यह अक्टूबर २०२४ (कज़ान) में हुई पिछली मुलाकात के बाद उनकी पहली भेंट थी। दोनों नेताओं ने दोहराया कि भारत और चीन प्रतिद्वंद्वी नहीं, बल्कि विकास के साझेदार हैं और मतभेदों को विवाद में नहीं बदलना चाहिए।
सीमा पर स्थिरता और विगत प्रगति
PM मोदी ने ज़ोर दिया कि सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता द्विपक्षीय संबंधों की नींव है। दोनों पक्षों ने पिछले वर्ष हुई अलगाव प्रक्रिया पर संतोष व्यक्त किया और सीमा विवाद के उचित, न्यायसंगत और परस्पर स्वीकार्य समाधान की प्रतिबद्धता जताई। एक सरकारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस महीने की शुरुआत में दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों द्वारा हुई वार्ताओं में लिए गए निर्णयों का भी स्वागत किया गया।
आर्थिक और रणनीतिक सहयोग
आर्थिक मोर्चे पर, दोनों नेताओं ने वैश्विक व्यापार को स्थिर करने में भारत और चीन की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया। उन्होंने व्यापार और निवेश बढ़ाने तथा व्यापार घाटा कम करने की आवश्यकता पर बल दिया। PM मोदी ने कहा कि भारत और चीन दोनों रणनीतिक स्वायत्तता का पालन करते हैं और इनके संबंधों को किसी तीसरे देश के दृष्टिकोण से नहीं देखा जाना चाहिए।
वैश्विक मुद्दों पर सहयोग
नेताओं ने आतंकवाद और निष्पक्ष वैश्विक व्यापार जैसे मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। PM मोदी ने चीन की मौजूदा SCO अध्यक्षता का समर्थन किया और राष्ट्रपति शी को भारत में २०२६ में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने का निमंत्रण दिया। राष्ट्रपति शी ने निमंत्रण स्वीकार किया और भारत की अध्यक्षता को समर्थन देने का आश्वासन दिया।
अन्य बैठकें
PM मोदी ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति के सदस्य काई ची से भी मुलाकात की। PM मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने का अपना दृष्टिकोण साझा किया, जबकि काई ची ने दोनों नेताओं के बीच बनी सहमति के अनुरूप संबंध सुधारने की चीन की प्रतिबद्धता जताई।